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उच्च रक्तचाप: सीमा, लक्षण, कारण, उपचार, आहार और घरेलू उपचार | High Blood Pressure In Hindi

मंगलवार, 23 अगस्त 2022

 उच्च रक्तचाप क्या है? What is High Blood Pressure?



हाई ब्लड प्रेशर या उच्च रक्तचाप एक आम बीमारी है जिसमे हमारी धमनियों की दीवारों पर रक्त प्रवाह द्वारा लगाया गया दबाव बढ़ जाता है। यह बढ़ा हुआ दबाव ह्रदय की बिमारियों का कारण बन जाता है। समय पर अगर इसका इलाज न हो तो यह खतनाक हो सकता है। यह स्ट्रोक, हार्ट फेलियर, किडनी फेलियर और अन्य मेडिकल कंडीशंस का कारण बन जाता है।  

उच्च रक्त चाप को " साइलेंट किलर " के नाम से भी जाना जाता है, क्योकि ये आपके अनजाने में ही आपको अंदर से नुकसान पहुँचता रहता है।  


ब्लड प्रेशर की जाँच कैसे होती है ?

ब्लड प्रेशर यह रक्त चाप की जाँच करने के लिए स्फिग्नोमेनोमीटर (Sphygmomanometer) नाम के यंत्र का उपयोग किया जाता है।  ब्लड प्रेशर के परिक्षण में दो रीडिंग मापी जाती है। 
  • सिस्टोलिक 
  • डायास्टोलिक 

Sphygmomanometer



सिस्टोलिक या आम भाषा में समझे तो अपर वैल्यू होती है।  सिस्टोलिक वैल्यू ब्लड वेसेल्स पे लगने वाली वह दबाव है जो हार्ट के कॉन्ट्रैक्ट या संकुचित होने पर लगता है। 
डायास्टोलिक या लोअर वैल्यू वह वैल्यू जब हार्ट रिलैक्स करता है यानि हार्ट में ब्लड भरता है।  






उच्च रक्तचाप के स्टेज 


उच्च रक्तचाप को निम्नलिखित स्टेजेस में वर्गीकृत किया गया है 

ब्लड प्रेशर SBPDBP
वर्गीकरण mmHgmmHg
सामान्य <120<80
प्री-हाइपरटेंशन 120–139or 80–89
स्टेज 1 
हाइपरटेंशन 
140–159or 90–99
स्टेज 2 
हाइपरटेंशन 
≥160or ≥100

SBP, systolic blood pressure; DBP, diastolic blood pressure



स्टेज: 1: प्री-हाइपरटेंशन: जिसमें ब्लड प्रेशर 120/80-139/89 के बीच होता है।
स्टेज: 2: माइल्ड हाइपरटेंशन: जिसमें ब्लड प्रेशर 140/90-159/99 की रेंज में होता है।
स्टेज: 3: मध्यम उच्च रक्तचाप: जिसमें रक्तचाप की सीमा 160/110-179/109 है।
स्टेज: 4: गंभीर उच्च रक्तचाप: जिसमें रक्तचाप 180/110 या उससे भी अधिक हो।


हाई ब्लड प्रेशर के प्रकार 

  • प्राइमरी (एसेंशियल) हाई ब्लड प्रेशर 
  • सेकेंडरी हाई ब्लड प्रेशर 

प्राइमरी हाई ब्लड प्रेशर 

इसी प्रकार का ब्लड प्रेशर ही आम तौर पर लोगो में देखा जाता है।  इस प्रकार का उच्च रक्त चाप बढ़ती उम्र, शारीरिक अस्वस्थता, और अनहेल्दी आदतों जैसे एक्सरसाइज ना करना आदि के कारण होता है। 

सेकेंडरी हाई ब्लड प्रेशर 

इस प्रकार का रक्त चाप किसी अन्य बीमारी जैसे किडनी की समस्या या हार्मोनल चेंज या आपके द्वारा सेवन की जा रही किसी मेडिसिन के कारण  हो सकती है।  

उच्च रक्त चाप का इलाज ना करने पर क्या होगा ?

हाई ब्लड प्रेशर का अगर समय पर ट्रीटमेंट ना किया जाये तो इसका बहुत गंभीर परिणाम हो सकता है, जैसे -
  • स्ट्रोक 
  • हार्ट अटैक 
  • पेरिफेरल वैस्कुलर डिजीज 
  • किडनी की समस्या या किडनी का ख़राब हो जाना 
  • प्रेगनेंसी में समस्या 
  • आंख का खराब होना 
  • वैस्कुलर डीमेंसिआ 


प्रेगनेंसी और हाई ब्लड प्रेशर 

प्रेगनेंसी के दौरान कई प्रकार के उच्च रक्त चाप हो सकते है।  उच्च रक्त चाप की वहज से कुल गर्भिणी महिलाओं में से 10 % महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ये समस्याएं माइल्ड से लेकर सीरियस भी हो सकती है।  

प्रेगनेंसी के दौरान होने वाले हाई ब्लड प्रेशर के प्रकार 

क्रोनिक हाइपरटेंशन

इस प्रकार का रक्त चाप प्रेग्नेंट होने से पहले से रहता है। 

गेस्टेशनल हाइपरटेंशन 

इस प्रकार का हाइपरटेंशन प्रेगनेंसी के अंतिम समय में देखा जाता है 

प्रीक्लैम्सिआ 

यह एक खतरनाक समस्या होती है जो प्रेगनेंसी के दूसरे या तीसरे ट्राइमेस्टर में देखी जाती है।  इस प्रकार के मरीजों के मूत्र में प्रोटीन की अधिकता देखी जाती है।  शरीर में सूजन हो जाता है।  ये शरीर के अन्य ऑर्गन्स के भी नुकसान पंहुचा सकता है।  इसकी वजह से शरीर में झटके (Eclampsia) भी देखे जाते हैं।  

क्रोनिक हाइपरटेंशन के साथ सुपरइंपोज प्रीक्लैम्सिआ 

ऐसी महिलाएं जिनको प्रेगनेंसी के पहले से ही उच्च रक्त चाप की समस्या है उनमे  प्रीएक्लेम्सिआ हो सकता है।  अगर आपको लगता है है की आपको हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है तो आपको अपने डॉक्टर से समय समय पर ब्लड प्रेशर की जाँच करते रहना चाहिए । 

उच्च रक्त चाप होने का कारण 

आपको  भी ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है यदि:
  • आपके परिवार में किसी को ब्लड प्रेशर की समस्या है 
  • आपकी उम्र 55 वर्ष से अधिक है 
  • आपका वजह अधिक है 
  • आप शारीरिक श्रम नहीं करते है 
  • अधिक मात्रा में नमक या नमक से बनी ज्यादा खाद्य पदार्थो का सेवन करते हैं 
  • आप धूम्रपान करते हैं 
  • आप अधिक शराब पीते हैं 


हाई ब्लड प्रेशर कैसे कंट्रोल करें 


यदि आप हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं तो आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान देना चाहिए :
  • समय समय पर अपने ब्लड प्रेशर की जाँच करते रहे।  अगर आप चाहें तो इलेक्ट्रॉनिक ब्लड प्रेशर की मशीन से अपने घर पर ही इससे चेक करते रहना चाहिए। 
  • संतुलित आहार लें तथा नमक का सेवन कम ही करें। 
  • अगर आपका वजन अधिक है तो इसे कम करें। 
  • शराब का सेवन न करें।  
  • शारीरिक श्रम करें। 
  • धूम्रपान ना करें। 

हाई ब्लड प्रेशर कम करने के लिए क्या खाना चाहिए ?

अगर आप एक हाई ब्लड प्रेशर के मरीज हैं तो आपको अपने खानपान का विशेष ध्यान देना चाहिए।  अपने खानपान प कंट्रोल रखकर भी आप अपने रक्त चाप को मेन्टेन कर सकते है। 
संतुलित आहार का सेवन करें।  कम वसा (Fat)  और कम कैलोरी युक्त भोजन करें।  जैसे स्किम मिल्क या 1% दूध, ताज़ी सब्जिया और ताजे फलों का सेवन ब्लड प्रेशर को सामान्य रखने में मदद करते है। 

केला - यह एक ऐसा फल है जिसको खाने से भी ब्लड प्रेशर ठीक रहता है।  केले में मौजूद पोटैसियम ब्लड प्रेशर को कण्ट्रोल रखता है।  
डार्क चॉकलेट - इसमें पाए जाने वाला फ्लैवोनॉइड एक एंटीऑक्सीडेंट का काम करता है।  अमेरिकन हेल्थ असोसिएशन के अनुशार फ्लैवोनॉइड ब्लड प्रेशर को कम कर सकता है।  
तरबूज - इसमें सिट्रुलिन नाम का  अमीनो एसिड पाया जाता है।  सिट्रुलिन को हमारा शरीर आर्जिनिन नाम के प्रोटीन में बदल देता है।  यह आर्जिनिन बॉडी में नाइट्रिक ऑक्साइड बनाता है।  नाइट्रिक ऑक्साइड ब्लड प्रेशर को ठीक रखता है। 
लहसुन - यह ब्लड प्रेशर को रेगुलेट करने में मदद करता है।  खास तौर पर क्योलिक लहसुन का सेवन करना ज्यादा फायदेमंद है।  
अनार - अनार में एंटीऑक्सिडेंट और अन्य तत्व होते हैं जो उच्च रक्तचाप और एथेरोस्क्लेरोसिस को रोकने में मदद कर सकते हैं।
टमाटर - टमाटर में लाइकोपीन होता है, जो एक एंटीऑक्सिडेंट है जो हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है।

हाई ब्लड प्रेशर में क्या नहीं खाना चाहिए ?

नमक - नमक, या विशेष रूप से नमक में  उपस्थित सोडियम, उच्च रक्तचाप और हृदय रोग के लिए एक प्रमुख कारक है। नमक में मौजूद सोडियम ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है।  एक स्टडी के अनुशार अगर आप 4 हफ्ते  नमक का सेवन कम करें तो आपका ब्लड प्रेशर कम हो जाता है। 
कैफीन - कैफीन का सेवन भी रक्तचाप को बढ़ाता है। 
शराब - शराब के नियमित सेवन से उच्च रक्तचाप का खतरा काफी बढ़ सकता है। महिलाओं में कम  शराब का सेवन भी खतरनाक हो सकता है।  

उच्च रक्तचाप से निपटने के लिए घरेलु तरीके


  • नियमित रूप से टहलें और व्यायाम करें।  नियमित व्यायाम आपके रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकता है। 
  • नमक (सोडियम) का सेवन कम करें। 
  • शराब कम पिएं।
  • पोटैशियम से भरपूर चीजें ज्यादा खाएं।
  • कैफीन कम मात्रा में सेवन करें ।
  • तनाव को मैनेज करना सीखें।
  • डार्क चॉकलेट या कोको खाएं।
  • वजन कम करें। 
  • धूम्रपान ना करें। 
  • चीनी और रिफाइंड कर्बोहाइड्रेट के सेवन कम करें। 
  • ध्यान और प्राणायाम करें। 
  • कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ खाएं
  • मैग्नीशियम से भरपूर खाद्य पदार्थ खाएं