बच्चों में मोटापा (Childhood Obesity) : कारण, खतरे और रोकथाम

 

परिचय

आज के समय में बच्चों में मोटापा (Childhood Obesity) एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बनती जा रही है। मोबाइल, टीवी और जंक फूड की आदतें बच्चों के जीवन में गहराई से प्रवेश कर चुकी हैं। इसका असर न सिर्फ उनके शरीर पर बल्कि मानसिक विकास पर भी पड़ता है।
इस लेख में हम जानेंगे —

  • बचपन में मोटापा क्यों होता है?
  • इसके क्या खतरे हो सकते हैं?
  • इसे रोकने के लिए माता-पिता और बच्चों को किन आदतों पर ध्यान देना चाहिए?


बचपन में मोटापा क्या है?

जब बच्चे की उम्र और लंबाई (Age & Height) के हिसाब से उसका वज़न अधिक हो जाता है, तो उसे मोटापा कहा जाता है।
चिकित्सकीय रूप से इसे BMI (Body Mass Index) से मापा जाता है।

BMI फॉर्मूला:

BMI = Weight (kg) ÷ Height² (m²)

मान लीजिए एक 10 साल का बच्चा है:

  • वजन = 40 kg
  • लंबाई = 1.35 m

    BMI = 40 ÷ (1.35 × 1.35) = 21.9

    BMI for Age percentile chart girl

    BMI for Age percentile chart Boy



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    श्रेणी (Category):

    • 5th से कम → Underweight
    • 5th से 85th → Healthy Weight
    • 85th से 95th → Overweight (यहाँ आता है)
    • 95th से ऊपर → Obese

    बचपन में मोटापे के कारण

    1. अस्वास्थ्यकर आहार

    • जंक फूड, चिप्स, पिज़्ज़ा, बर्गर, और पैकेज्ड फूड का सेवन
    • ज्यादा शक्कर वाले पेय पदार्थ (कोल्ड ड्रिंक, पैकेज्ड जूस)
    • फास्ट फूड और प्रोसेस्ड स्नैक्स

    2. शारीरिक गतिविधि की कमी

    • घंटों टीवी, मोबाइल या वीडियो गेम में समय बिताना
    • खेलकूद और आउटडोर एक्टिविटी का न होना

    3. आनुवंशिक कारण

    • यदि माता-पिता मोटे हैं, तो बच्चों में भी मोटापे की संभावना अधिक रहती है।

    4. हार्मोनल असंतुलन

    • हाइपोथायरॉइडिज़्म जैसी स्थितियाँ भी बच्चों के वजन को प्रभावित करती हैं।

    5. मानसिक कारण

    • तनाव, अकेलापन, और इमोशनल ईटिंग (ज्यादा खाना जब तनाव में हों)।

    बचपन में मोटापे के खतरे

    खतरा (Risk)विवरण (Description)
    टाइप 2 डायबिटीजइंसुलिन रेसिस्टेंस और ब्लड शुगर बढ़ना
    हृदय रोगहाई BP, कोलेस्ट्रॉल की समस्या
    अस्थमासांस लेने में दिक्कत
    जोड़ों में दर्दहड्डियों और मांसपेशियों पर दबाव
    मानसिक समस्याएँलो सेल्फ-एस्टीम, डिप्रेशन, बुलिंग
    नींद की समस्यानींद के दौरान सांस रुकना

    बचपन में मोटापे की रोकथाम

    1. स्वस्थ आहार

    • घर का ताज़ा खाना खिलाएँ
    • फलों और सब्जियों को डाइट का हिस्सा बनाएँ
    • पैकेज्ड फूड, जंक फूड और कोल्ड ड्रिंक से परहेज
    • पर्याप्त पानी पिलाएँ

    2. शारीरिक गतिविधि

    • बच्चों को रोज़ कम से कम 60 मिनट खेलकूद के लिए प्रेरित करें
    • आउटडोर गेम्स, साइकिल चलाना, तैराकी, योग करवाएँ

    3. स्क्रीन टाइम कम करें

    • टीवी, मोबाइल और वीडियो गेम का समय 2 घंटे से कम रखें
    • फैमिली टाइम में बच्चों को बाहर घुमाएँ

    4. पर्याप्त नींद

    • बच्चे की उम्र के हिसाब से 8–10 घंटे की नींद ज़रूरी है।

    5. माता-पिता की भूमिका

    • बच्चे के सामने खुद भी स्वस्थ आदतें अपनाएँ
    • सकारात्मक माहौल बनाकर मोटिवेट करें
    • ज्यादा डाँटने या जबरदस्ती करने से बचें


    घरेलू और आयुर्वेदिक उपाय

    • त्रिफला: पाचन सुधारने और वजन संतुलित रखने में सहायक
    • गिलोय और आंवला: रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मददगार
    • हल्दी दूध: सूजन और मेटाबॉलिज़्म सुधारने में सहायक
    • (इनका प्रयोग विशेषज्ञ की सलाह से करें)


    कब डॉक्टर से मिलें?

    अगर बच्चे में ये लक्षण दिखें तो तुरंत परामर्श लें:

    • असामान्य तेजी से वजन बढ़ना
    • सांस लेने में दिक्कत
    • बार-बार थकान
    • नींद में समस्या
    • आत्मविश्वास की कमी या डिप्रेशन के संकेत


    निष्कर्ष

    बाल्यावस्था का मोटापा सिर्फ एक "लुक्स" की समस्या नहीं है बल्कि यह आगे चलकर गंभीर बीमारियों की जड़ बन सकता है।
    माता-पिता की जिम्मेदारी है कि बच्चे को सही खान-पान, पर्याप्त नींद, शारीरिक गतिविधि और सकारात्मक माहौल दें।

    👉 याद रखें: "स्वस्थ बचपन, स्वस्थ भविष्य की नींव है।"


    FAQs

    Q1. क्या बचपन का मोटापा बढ़ने पर अपने आप कम हो जाता है?
    नहीं, यदि ध्यान न दिया जाए तो यह आगे चलकर टीनएज और एडल्ट में और गंभीर हो सकता है।

    Q2. क्या बचपन के मोटापे में डाइटिंग करवाना चाहिए?
    कभी भी बच्चे को सख्त डाइटिंग पर न डालें, बल्कि संतुलित आहार दें।

    Q3. बच्चे का वजन कम करने का सुरक्षित तरीका क्या है?
    नियमित खेलकूद, स्वस्थ आहार और स्क्रीन टाइम कम करना।

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